क्यों ??

सांत्वना देते हुए
यूं भाव विभोर हो जाते हो ,
टूटे हुए अंतरिम हृदय का
अंदरूनी शोर हो जाते हो ,
खिलखिला चहकते हुए
मुखातिब चांद से हो जाते हो ,
आंचल में पालने वालों से
बेचलन व बोर हो जाते हो ।
गुरुमुखी के नाम पर
द्रवित हृदय कर जाते हो ,
परिवार में सब एक छोर
तुम दूसरा छोर हो जाते हो ।
आधुनिकता की धुंध में
दूर अपनों से ही हो जाते हो ,
क्या प्रमाणित कर लिया जो
खुद ही इतना मगरूर हो जाते हो ।
द्वार चौखट आलिंगनों पर
खड़े जिनके सहारे हो जाते हो ,
उन्हीं को छोड़ बेसहारा
दुनिया के लिए पैर हो जाते हो ।
कहां गलती हो गई कम्बख़त
नज़रों से नजर मिलाते हो ,
क्यों छोड़ मां बाप को
अपनी मेहबूब ओर हो जाते हो ।

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