जैसे शोहरतें मिली वैसे मुज़्महिल हुए
खुद के कत्ल के इल्ज़ाम में हम शामिल हुए , जज पैसा और वो सब हम-दिल हुए , जैसे जिसका काम था उस काम के काबिल रहे , उधर तुम हुई बेवफ़ा इधर हम ज़ाहिल हुए । इन नौकरियों ने बड़ा ज़ुर्म ढहा दिया , ये मुस्तक़िल हुई और हम मुंफ़सिल हुए ।। * मुस्तक़िल - स्थाई , मुंफ़सिल - जुदा/अलग खुमार-ए-जहान के रंग में तुम भी रंग गए , जैसे शोहरतें मिली वैसे मुज़्महिल हुए ।। * मुज़्महिल - थका हुआ या खाली ( exhausted ) तेरे शहर में इंसाफ कैसा चल रहा 'गुमनाम' ? ज़ुर्रत देखने की तुमने की और हम क़ातिल हुए ।।