।। मगर दिल अबतक भूला नहीं है ।।
हमें जीने की और तमन्ना नहीं है ,
तुम्हारे बिना और जीना नहीं है ।
बातें ना की एक लफ्ज़ भी उन्होंने ,
कैसे कहें वो खफा नहीं है ।।
नज़रें मिला कर झुका ली उन्होंने ,
ये कैसा था इश्क़ जो हुआ नहीं है ।।
कि मंज़र अभी कुछ बदला नहीं है ।।
वो शख़्स ही बताए मनाए उसको कैसे ,
जो शख्स अब तक मना नहीं है ।।
तुम्हें भूलने का दावा करें है ,
मगर दिल अबतक भूला नहीं है ।।
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