कितनों के तुम और पसंदीदा हो गए

तुम्हें सूरत-ए-हाल देख शोरीदा हो गए ,
रौनक-ए-महफ़िल में भी संजीदा हो गए ,

*शोरीदा - परेशान        *संजीदा - गंभीर

रात भर तुमने किसी की याद में गुज़ार दी ,
सुबह सुबह ही तुम जो ख़्वाब-बीदा हो गए ।

* ख़्वाब बीदा - नींद में 

तेरी ज़ुल्फ से जितना बच सकते थे बचे ,
मगर होंठ के तिल पर गिरवीदा हो गए ।

* गिरवीदा - मुग्ध 

किसकी आमादगी थी उस वस्ल की रात में ,
कितनों के तुम और पसंदीदा हो गए ।

* आमादगी - रज़ामंदी      * वस्ल - मिलन

देखा था उसके चश्म में नज़र अपनी उतारते ,
इक सवाल पर ही लर्जीदा हो गए ।

* चश्म - आंख     * लर्जीदा - कांप जाना

उनका भी शुक्रियादा कर दो ' गुमनाम ' ,
जिनकी बेवफ़ाई से तराशीदा हो गए ।।

* तराशीदा - तराशा हुआ 


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