पूरी शाम बाकी है

कितनी उम्र गुज़ार ली मगर तमाम बाकी है ,
इतनी जल्दी ना जाओ बहुत काम बाकी है ।

कब थमेगा ये सफ़र कोई जानता नहीं ,
अभी तो केवल दिन गुज़रा है पूरी शाम बाकी है ।

सब चरणों में शीश नवाए बैठे है सरकार के ,
और हुज़ूर कह रहे की अभी सलाम बाकी है ।

ख्वार - ए - हुस्न उतरा नहीं जो आंखों से चढ़ा गई ,
ये होंठ अब भी कह रहे की जाम बाकी है ।

ताश , सिगरेट और शराब सब आज महफ़िल में है ,
और कहो महफ़िल में क्या इंतजाम बाकी है ।

बहुत दूर तल्ख़ जाना है अभी तो ये शुरूआत है ,
अभी से कह रहे ' गुमनाम '  कयाम बाकी है । 

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