आधे राह उतर जाना ज़रूरी है क्या ?
मेरी ख्वाहिशों का मर जाना जरूरी है क्या ?
तेरा शहर जाना जरूरी है क्या ?
अपनी बेबसी को मार कर पूछो ,
इतने दिन ठहर जाना जरूरी है क्या ?
मिलन के बाद का पहला त्योहार है ये ,
तुम्हारा घर जाना ज़रूरी है क्या ?
आज तो पूरा चांद निकला है ,
साहिल - ए - बहर जाना ज़रूरी है क्या ?
अब तो इश्क़ की कश्ती पर सवार हो लिए ,
आधे राह उतर जाना ज़रूरी है क्या ?
तुम्हारे होठों की सिलवटों पर भी मर मिटेंगे ,
मगर ये उमर जाना ज़रूरी है क्या ?
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