कह दिया है इश्क़ है ।।
तुमने उससे दिल लगाकर कह दिया है इश्क़ है , तुमने मेरा दिल जलाकर कह दिया है इश्क़ है , तुम हो वही ना जो कहती कभी थी कि क्या आजमाना इश्क़ में , तुमने मुझको आजमाकर कह दिया है इश्क़ है । ज़ख्मी हथेली से तेरे उस रोज़ थामे हाथ जो , हाथ वो तुमने छुड़ाकर कह दिया है इश्क़ है । आज तलक सामने जिसके पलकें तुम्हारी झुकी नहीं , आज उसी से नज़रे चुराकर कह दिया है इश्क़ है । जो था दिया मैंने तुम्हे एक गाल पर बोसा कभी , आज सब तुमने भुलाकर कह दिया है इश्क़ है । बे अदब और कटुता भूले थे तेरे लिए , तुमने सब याद दिलाकर कह दिया है इश्क़ है । किस ज़ुबां से है वफ़ा कहोगी अब ए मेरी दिल्लगी , उससे जब तुमने मुस्कुराकर कह दिया है इश्क़ है । जिसके खातिर ठोकरें 'अम्बर' दर दर खाते रहे , उसने भी ठुकराकर कह दिया है इश्क़ है ।।