मोहब्बत में सियासत नहीं देखी जाती
रूढ़िवादी रिवायत नहीं देखी जाती ,
मोहब्बत की झूठी रिसालत नहीं देखी जाती ,
कह रही थी उससे कोई ताल्लुक ही नहीं ,
उसके बाहों में तेरी शरारत नहीं देखी जाती ।।
शरीफों की महफ़िल और लबों पर बोसा,
हाय! ऐसी शराफत नहीं देखी जाती ।।
तेरी ज़ुल्फ के छांव में उसका बैठ जाना ,
मुझसे तेरी इजाज़त नहीं देखी जाती ।।
नाकामी आते ही तेरा चला जाना ,
मोहब्बत में सियासत नहीं देखी जाती ।।
न रखिए मोहब्बत के ताल्लुक हमसे ,
वफ़ा से बगावत नहीं देखी जाती ।।
झूठों के तहों से जो एक झूठ लाई हो ,
उफ्फ़ ! ये वकालत नहीं देखी जाती ।।
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