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Showing posts from November, 2023

उनके रोने से अच्छी है शिकस्तगी अपनी ।

गैर हो गई ज़िंदगी अपनी , जब समुंदर से बड़ी तिश्नगी अपनी , रुसवा है , तंग है , ये राहें भी , छोड़ आए अब दिल्लगी अपनी ।  दर्द जिंदगी के अधूरे होने का नहीं, ये जो नामुकम्मल रही आवारगी अपनी । वो हंसे बस मामलात इतना भर था , उनके रोने से अच्छी है शिकस्तगी अपनी । मुफलिसी में अपनों की हिदायत से ,  लाख अच्छी है बेगानगी अपनी । उनकी एक बेफाई से ही रो रहे गुमनाम , कैसी नामर्दानी है मर्दानगी अपनी ।।

हम तमाम उम्र देख कर भी गुनहगार हो गए ।।

इज्ज़त थी इसीलिए तार तार हो गए , एक पल में ही वो आपके शहरयार हो गए , वो एक नज़र देखे क्या खूब देखे , हम तमाम उम्र देख कर भी गुनहगार हो गए ।। वो आए पल भर में आशियां उजड़ा , हमारे ख्वाब सारे उनके साया-दार हो गए ।। मोहब्बत भी करो तो कई तरीके से , 'गुमनाम' एक सी करके बेज़ार हो गए ।।